हो सकता है
जब कभी तुम बेहद उदास हो
मैं ना रहूँ तुम्हारे पास
मेरे कन्धों पर , सर रखकर रोने को |
हो सकता है
जब कभी अकेले में तुम सिसक रही हो
मैं ना रहूँ तुम्हारे पास
तुम्हारे आंसूं पोछने को |
हो सकता है
अगर कभी तुम्हे चोट लगे
मैं ना रहूँ तुम्हारे पास
तुम्हारे ज़ख्म पर प्यार से फूंकने को |
हो सकता है
जब कभी तुम परेशान हो
मैं ना रहूँ तुम्हारे पास
तुम्हे गले से छपटाकर
’सब ठीक हो जाएगा ’ कहने को |
हो सकता है
जब कभी तुम हार कर टूटने लगो
मैं ना रहूँ तुम्हारे पास
तुम्हे हौसला देने को |
हो सकता है
जब कभी अकेले में तुम डर जाओ
मैं ना रहूँ तुम्हारे पास
तुम्हारा हाथ पकड़ने को|
हो सकता है.................
तो कभी मायूस मत होना
एहसास कर लेना
मेरे होने का
दोहरा लेना
मेरी कही हुई बीती बातें
समझा लेना खुद को
जैसे मैं समझाती थी तुम्हे
लड़ना अपनी कमजोरियों से
और फिर छू लेना आसमां को
जीत लेना जहां को!
मैं तुम्हारे ’पास ’ हर वक़्त ना सही
तुम्हारे ’साथ ’ हमेशा हूँ !
~Saumya
~Saumya